हेवन उत्तराखंड द्वारा हर साल छोटा चारधाम यात्रा का आयोजन किया जाता हैं इस साल भी हेवन उत्तराखंड ट्रेवल्स द्वारा छोटा चारधाम की यात्रा करवाई जा रही हैं, ज्यादा जानकारी के लिए दिए गए नंबर पर कॉल करे  Call +91-9410380388, 7060428876


01 ) यमुनोत्री धाम - यमुनोत्री, यमुना नदी का स्रोत और हिंदू धर्म में देवी यमुना की सीट है. यह जिला उत्तरकाशी में गढ़वाल हिमालय में 3,293 मीटर (10,804 फीट) की ऊंचाई पर स्थित है। उत्तराखंड के चार धाम तीर्थ यात्रा में यह चार स्थलों में से एक है। यमुना नदी के स्रोत यमुनोत्री का पवित्र गढ़, गढ़वाल हिमालय में पश्चिमीतम मंदिर है, जो बंदर पुंछ पर्वत की एक झुंड के ऊपर स्थित है। यमुनोत्री में मुख्य आकर्षण देवी यमुना के लिए समर्पित मंदिर और जानकीचट्टी (7 किमी दूर) में पवित्र तापीय झरना हैं।





02 ) गंगोत्री धाम -  गंगोत्री ,गंगा नदी की उद्गम स्थान है एवं उत्तराखंड के चार धाम तीर्थयात्रा में चार स्थलों में से एक है | नदी के स्रोत को भागीरथी कहा जाता है , और देवप्रयाग के बाद से यह अलकनंदा में मिलती है, जहाँ से गंगा नाम कहलाती है | पवित्र नदी का उद्गम गोमुख पर है जो की गंगोत्री ग्लेशियर में स्थापित है, और गंगोत्री से 19 किलोमीटर का ट्रेक है।





03 ) केदारनाथ धाम - बारह ज्योतिर्लिंगों में सर्वोच्च केदारनाथ धाम की अनोखी कहानी है। कहते हैं कि केदारेश्वर ज्योतिर्लिंग के प्राचीन मंदिर का निर्माण पांडवों ने कराया था। पुराणों के अनुसार केदार महिष अर्थात भैंसे का पिछला अंग (भाग) है। यहां भगवान शिव भूमि में समा गए थे।

केदारनाथ मन्दिर भारत के उत्तराखण्ड राज्य के रूद्रप्रयाग जिले में स्थित है। उत्तराखण्ड में हिमालय पर्वत की गोद में केदारनाथ मन्दिर बारह ज्योतिर्लिंग में सम्मिलित होने के साथ चार धाम और पंच केदार में से भी एक है। यहाँ की प्रतिकूल जलवायु के कारण यह मन्दिर अप्रैल से नवंबर माह के मध्‍य ही दर्शन के लिए खुलता है। पत्‍थरों से बने कत्यूरी शैली से बने इस मन्दिर के बारे में कहा जाता है कि इसका निर्माण पाण्डव वंश के जनमेजय ने कराया था। यहाँ स्थित स्वयम्भू शिवलिंग अति प्राचीन है। आदि शंकराचार्य ने इस मन्दिर का जीर्णोद्धार करवाया।





04 ) बद्रीनाथ धाम -  बदरीनाथ धाम को लेकर एक और कथा मिलती है कि धर्म के दो पुत्र थे नर और नारायण। ये दोनों ही धर्म के प्रचार-प्रसार के लिए अपना आश्रम स्‍थापित करना चाहते थे और इसके लिए पवित्र स्‍थान की तलाश में थे। उन्‍हें इस स्‍थान की प्राप्ति हुई और उन्‍होंने इस जगह का नाम बदरी विशाल रख दिया। बदरीनाथ दो पहाड़ियों के बीच स्थित है।
बद्रीनाथ अथवा बद्रीनारायण मन्दिर भारतीय राज्य उत्तराखण्ड के चमोली जनपद में अलकनन्दा नदी के तट पर स्थित एक हिन्दू मन्दिर है। यह हिंदू देवता विष्णु को समर्पित मंदिर है और यह स्थान इस धर्म में वर्णित सर्वाधिक पवित्र स्थानों, चार धामों, में से एक यह एक प्राचीन मंदिर है जिसका निर्माण ७वीं-९वीं सदी में होने के प्रमाण मिलते हैं। मन्दिर के नाम पर ही इसके इर्द-गिर्द बसे नगर को भी बद्रीनाथ ही कहा जाता है। जाड़ों की ऋतु में हिमालयी क्षेत्र की रूक्ष मौसमी दशाओं के कारण मन्दिर वर्ष के छह महीनों (अप्रैल के अंत से लेकर नवम्बर की शुरुआत तक) की सीमित अवधि के लिए ही खुला रहता है। यह भारत के कुछ सबसे व्यस्त तीर्थस्थानों में से एक है बद्रीनाथ मन्दिर में हिंदू धर्म के देवता विष्णु के एक रूप "बद्रीनारायण" की पूजा होती है। बद्रीनाथ में जो प्रतिमा जी है़ वह विष्णु के एक रूप "बद्रीनारायण" की है।

   


                               
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